ज़िन्दगी के इस रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है! SHARE FacebookTwitter ज़िन्दगी के इस रण में खुद ही कृष्ण और खुद ही अर्जुन बनना पड़ता है! रोज़ अपना ही सारथी बनकर जीवन का महाभारत लड़ना पड़ता है! SHARE FacebookTwitter
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती है, किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,.......Read Full Message